
आप सबको विदित है कि मानव मंदिर पाकिस्तान से विस्थापित दो शरणार्थी शिविरों में हर संभव सेवा प्रदान कर रहा है, अभी बाढ़ की त्रासदी ने इन सब को रोड पर आने को मजबूर कर दिया था क्योंकि इनके शिविर में 8 फीट से ऊपर पानी भर गया था इसलिए ये सड़क किनारे टेंट में रहने को मजबूर थे। इनके बच्चे वाहनों के आवाजाही के कारण भय में जी रहे थे अंत में जिस चीज का डर था वह घटना घट ही गई जो शरणार्थी लालचंद की पोती गीता को अपना शिकार बना गई। गीता के पिता जीत ने यह बाद साध्वी समताश्री जी को बताई कि मेरी बेटी का एक पैर वाहन की चपेट में आने के कारण टूट गया है। बच्ची की अपार वेदना व कष्ट देखा नहीं जा रहा था। मानव मंदिर मिशन के अनुरोध पर हमारी सहयोगी संस्था- “सवेरा” ने इस बच्ची को तत्काल प्राइवेट हॉस्पिटल में सर्जरी के लिए भर्ती करवाया क्योंकि सरकारी हॉस्पिटल में काफ़ी समय लगता और लंबी-चौड़ी औपचारिकता के बाद भी सही इलाज की कोई गारंटी नहीं थी। आज इस बच्ची के पैर की सर्जरी करके रॉड लगवा दी गई है। सफल सर्जरी के बाद अब बच्ची का कष्ट दूर हो चुका है। जल्द ही यह बच्ची अपने पैरों पर खड़ी हो जाएगी। मानव मंदिर शरणार्थी सेवा प्रकल्प पूज्य गुरुदेव आचार्यश्री रूपचन्द्र जी महाराज के निर्देशन और समाज के सहयोग से पाकिस्तान से हिंदू विस्थपितों की ज़िंदगी में दुख-सुख का साथी बना हुआ है।